*प्रश्न:- अभिलेखों का परीरक्षण सम्बन्धित नियमावली की जानकारी दीजिये।*
उत्तर:- शिक्षा निदेशालय बीकानेर द्वारा जारी शिक्षा विभागीय नियमावली 1997 के अध्याय 8( 2) के अनुसार शिक्षण संस्थान, पब्लिक कार्यालयों में संधारित अभिलेखों के परिरक्षण के लिए जारी अभिलेखों की परिरक्षण अवधि निम्न अनुसार होगी।👇
*1 वर्ष के लिए*
अवकाश आवेदन पत्र, अवकाश रजिस्टर, लिपिक डायरी, जनगणना एवं चुनाव पत्रावली, उत्तर पुस्तिकाएं, प्रश्न पत्रों के लिफाफे एवं शेष रहे प्रश्नपत्र, शैक्षिक कार्य निरीक्षण, अदेय प्रमाण पत्र, अनुपस्थिति प्रमाण पत्र, अध्यापक डायरी, आदेश पंजिका आदि
*2 वर्ष के लिए*
प्राइवेट ट्यूशन हेतु अनुज्ञा रजिस्टर, नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र, संस्थापन संबंधी सूचना तैयार करने संबंधी अभिलेख, छात्रों अध्यापकों को रियायती टिकट संबंधी पंजिका, विद्यालय संसद पत्रावली, शाला संगम पत्रावली, शाला क्रीड़ा पत्रावली, शिक्षक अभिभावक संघ पत्रावली, प्रमाण पत्रों पर हस्ताक्षर पत्रावली, रेड क्रॉस एनएसएस, एनसीसी, स्काउट गाइड पत्र व्यवहार पत्रावली, परीक्षा केंद्र पत्रावली, परीक्षा संबंधी शिकायत पत्रावली
*3 वर्ष के लिए*
अवकाश खाता, लोक सेवा आयोग को आवेदन पत्र भेजने संबंधित पत्रावली, उपस्थिति रजिस्टर (ऑडिट होने तक) आवश्यक प्रारंभिक जांच पंच निर्णय और वाद करण के मामले, बैठकों और सम्मेलनों की व्यवस्था, कार्य ग्रहण प्रतिवेदन प्रतियां, डाक पुस्तिका पत्र व्यवहार, सामान्य पत्र व्यवहार उत्सव रजिस्टर, अल्प बचत संबंधित पंजिका, वृक्षारोपण संबंधित पंजिका, नामांकन अभिवृद्धि पंजिका, चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने की पुस्तिका, यात्रा भत्ता बिल रजिस्टर नियंत्रण अधिकारी के प्रति हस्ताक्षर हेतु प्रस्तुत यात्रा भत्ता दावा का रजिस्टर, आकस्मिक प्रभारो का रजिस्टर (ऑडिट होने के बाद) वाहन क्रय भवन निर्माण हेतु, अग्रिम आवेदन पत्र बिलो को भुनाने संबंधी रजिस्टर, चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल (समपरीक्षा पूर्ण होने के 1 वर्ष पश्चात जो भी बाद में हो ) , मानदेय रजिस्टर
*5 वर्ष के लिए*
सेवा पुस्तिका (मृत्यु , सेवानिवृत्ति, पेंशन स्वीकृति के पश्चात जो भी बाद में हो) सर्विस रोल, व्यक्तिगत पत्रावली उपरोक्त अनुसार सार्वजनिक परीक्षा हेतु विभागीय अनुज्ञा आवेदन पत्र, शिकायत एवं जांच पत्रावली निस्तारण होने के 1 वर्ष तक, विभागीय जांच पुनः अवलोकन एवंं अपील, 80 सीपीसी सरकार के विरुद्ध सिविल वाद, कार्यालय निरीक्षण रिपोर्ट रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में पत्राचार, भवन किराए संबंधी राजकीय आवास आवंटन, कर्मचारियों से राजकीय भवन किराए संबंधी (बकाया राशि वसूली के बाद) हड़ताल व धरने संबंधी पत्रावली, विद्यालय व नए विषयों को खोलने की विभागीय स्वीकृति पत्रावली, प्राथमिक से उच्च प्राथमिक विद्यालय होने पर पंचायत समिति से पत्र व्यवहार, छात्र उपस्थिति रजिस्टर, छात्रावास प्रवेश पंजिका, छात्रावास उपस्थिति पंजिका भोजनशाला पंजिका, छात्र निधि से भुगतान किए गए वाउचर ऑडिट उपरांत, छात्र शुल्क रजिस्टर ऑडिट उपरांत, छात्र प्राप्ति रसीद, ऑडिट रजिस्टर राशि, बजट अनुमानों से संबंधित प्रारूप, लेखा बिलों की पर्ची टीवी नंबर का इन्द्राज बिलों में करने के बाद, लेखा शीर्षक द्वारा व्यय दर्शाने वाले रजिस्टर, बजट कंट्रोल रजिस्टर आदि के अतिरिक्त बजट मांग पत्रावली, स्थाई अग्रिम बिल रजिस्टर, रजिस्टर वेतन भत्तों का, पोस्टल आर्डर द्वारा किए गए भुगतान का रजिस्टर, आकस्मिक प्रभारो के डीसी बिलो का रजिस्टर, आकस्मिक बिल वाउचर अभिस्वीकृति जो कार्यालयों में रखे हुए हैं ऑडिट होने के पश्चात 1 वर्ष तक, सेवा डाक टिकटों का रजिस्टर आदि।
*10 वर्ष के लिए*
विभिन्न प्रशिक्षण में प्रतिनियुक्त पत्रावली, स्थानांतरण नियुक्ति निधि पंजिका, ऋण एवं अग्रिम आवेदन पत्र भवन निर्माण हेतु, सरकार से प्राप्त सहायता संबंधी पत्रावली, छात्रों की जन्म तिथि परिवर्तन (एस आर रजिस्टर में चस्पा किया जाए) छात्र छात्राओं के नाम,जाति परिवर्तन, बोर्ड द्वारा मान्यता, अध्ययन ऋण छात्रों हेतु, छात्र कोष रोकड़ बही, कॉशन मनी पंजिका, छात्रावास रोकड़ पंजिका ऑडिट उपरांत वाउचर ऑडिट उपरांत, यात्रा भत्ता बिल ऑडिट होने के 1 वर्ष, चिकित्सा पुनर्भरण बिल
*अन्य दस्तावेज*
*पेंशन प्रकरण ( सेवानिवृत्ति, पेंशन स्वीकृति के पश्चात) 7 वर्ष, अमान्य पेंशन प्रकरण 25 वर्ष, संस्थापन रजिस्टर 40 वर्ष, स्कॉलर रजिस्टर 40 वर्ष, टी सी बुक 40 वर्ष,-छात्र ड्यूज रजिस्टर बकाया की वसूली के बाद, छात्र शुल्क मुक्ति पंजिका ऑडिट होने तक, छात्र दंड पंजिका छात्र के विद्यालय में पढ़ने तक ,छात्रों से बकाया वसूली की प्राप्ति पंजिका ऑडिट होने तक, रसीद बुक जारी करने का रजिस्टर ऑडिट होने तक, वेतन बिल और निस्तारण पंजिका 40 वर्ष,अग्रिमो का ब्योरेवार संवितरण लेखा 40 वर्ष, निक्षेप और प्रतिसन्ग्यो का रजिस्टर 20 वर्ष, उधारो और अग्रिम तथा विवरण का रजिस्टर 40 वर्ष ( पूर्ण वसूली के 5 वर्ष तक)
*स्थायी अभिलेख*
वेतन वृद्धि रजिस्टर, पदों का सृजन, भूमि अधिग्रहण, दान में प्राप्त भवन संबंधी अभिलेख, भवन निर्माण में अतिरिक्त निर्माण कार्य, राजकीय आवास निर्माण, भूमि अवाप्त करने संबंधी, विद्यालय प्रारंभ खोलने, क्रमोन्नत संबंधी, उच्च प्राथमिक विद्यालय /माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत होने पर हस्तांतरण कार्यवाही पत्रावली, पुस्तकालय परिग्रहण रजिस्टर, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के इंद्राज संबंधी रजिस्टर, खोई हुई व नष्ट हुई पुस्तकों का रजिस्टर, बोर्ड परीक्षा केंद्र होने पर राशि व्यय का ब्यौरा रजिस्टर, स्टॉक सामग्री प्राप्ति रजिस्टर, स्टॉक सामग्री प्राप्ति इंद्राज रजिस्टर, विद्यालय वाहन संबंधी रजिस्टर, रोकड़ बही, चेक ड्राफ्ट, पोस्टल आर्डर आदि की प्राप्ति और निपटारा रजिस्टर, खाता बही,खाता बही लेखे, रसीद, चेकबुक, पर्युक्त, आंशिक प्रयुक्त एवं रजिस्टर, रोकड़ चालान, रोकड़ चालान रजिस्टर, विशेष वसूली रजिस्टर, आहरित वेतन एवं भत्ते का रजिस्टर, सरकार /वित्त विभाग द्वारा जारी परिपत्र/ संशोधन पत्रावली, विभागाध्यक्ष द्वारा जारी आदेश, कार्यालय अध्यक्ष द्वारा जारी आदेश पत्रावली आदि।
*नॉट:-स्कूलों में कर्मचारी उपस्थिति रजिस्टर,SR रजिस्टर,परीक्षा परिणाम रजिस्टर,कैशबुक आदि जैसे अन्य आवश्यक रजिस्टर जितने भी है उनको लम्बे समय तक संभाल कर रखे जाने चाहिए।*
*प्रश्न:- नवनियुक्त कार्मिक के वेतन बनाने से पहले paymanager पर की जाने वाली प्रक्रिया से अवगत करवाये?*
उत्तर:- नवनियुक्त कार्मिक की डीडीओ एसएसओ लॉगिन से पहले एम्प्लॉई आईडी बनेगी और PRAN नंबर जारी होने के बाद वेतन बिल बनाने से पहले निम्नानुसार डीडीओ लॉगिन से कार्मिक की पेमेनेजर आईडी बनानी होगी जिसकी feeding process निम्नानुसार रहेगी।⬇️
🚹सबसे पहले पेमेनेजर पर डीडीओ लॉगिन करना होगा।
🚹डीडीओ लॉगिन के बाद मास्टर टैब में एम्प्लोयी डिटेल पर जाना होगा।
🚹यहां पर पर्सनल डिटेल के नाम से विंडो ओपन होगी जिसमें सबसे पहले कार्मिक की सर्विस केटेगरी चुने ▶️
जैसे स्टेट सर्विस या सबोर्डिनेट सर्विस या मिनिस्ट्रियल सर्विस या क्लास फोर्थ आदि।
🚹सर्विस कैटेगरी के बाद एम्प्लॉई आईडी के लिए विकल्प खुलेगा एम्प्लॉई ID डालने के बाद GET DATA पर क्लिक करेंगे जिसमें कार्मिक का नाम, करंट पोस्ट, पिता का नाम, जन्म तिथि, डेट ऑफ रिटायरमेंट,एंप्लोई आईडी आदि प्रदर्शित होंगी।
🚹इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हो पाएगा।
🚹इसी TAB में कार्मिक का नाम हिंदी में,वर्तमान पद, जेंडर और ग्रुप जिस हेड में पद स्वीकृत है, कार्मिक का पद, ब्लड ग्रुप पोस्ट एट अपॉइंटमेंट, पे कमीशन, कार्मिक का विभाग आदि की एंट्री कर सबमिट करना है।
🚹 सटेटस में सर्विस केटेगरी स्टेट, सबोर्डिनेट या मिनिस्ट्रियल आदि चुनेंगे
sub – category में प्रोबेशन स्टेटस में NA टेंपरेरी परमानेंट में प्रोबेशन सर्विस कोटा (Quota) में डायवोर्सड, प्लेयर, एक्स सर्विसमैन या इनमें से कोई नहीं आने का विकल्प चुनना होगा NA कैटेगरी में।
🚹जिस केटेगरी से कार्मिक संबंधित है यथा – एससी, एसटी, ओबीसी आदि
Gazetted, non-gazetted को चुने।
🚹 एनटाइटलमेंट स्टेटस में यदि कार्मिक एनपीएस का है तो एनपीएस From 1.1 .2004 चुनना होगा।
वर्क चार्ज कर्मचारी है तो सीपीएफ चुनना होगा व जीपीएफ का कर्मचारी है तो Benefit before 1.1. 2004 चुनना होगा।
🚹 प एंड बैंक डिटेल पे कमीशन में 7th pay commission चुनेंगे। पे स्केल में जैसे तृतीय श्रेणी अध्यापक है तो LP10 करना है आईएफएससी कोड डालकर एड(ADD) विकल्प पर क्लिक करना है। अकाउंट नंबर डालना है और फाइनल सबमिट करना है।
🚹 परेजेंट और परमानेंट एड्रेस भी डीडीओ लॉगिन से भर सकते हैं प्रजेंट एड्रेस में हेड क्वार्टर और परमानेंट में गृह निवास अपडेट करना है। इसके साथ मोबाइल नंबर, ईमेल आदि अपडेशन का विकल्प है।
🚹 एप्लोई डेट में डेट ऑफ जॉइनिंग, डेट ऑफ प्रजेंट डीडीओ, प्रेजेंट डेजिग्नेशन, डेट ऑफ प्रजेंट पे स्केल आदि की तारीख डीडीओ लॉगिन से भर सकते हैं।
🚹 एप्लोई नंबर में जीपीएफ नंबर में यदि कार्मिक एनपीएस का है 0000 भरना है।
आधार ….
PAN NO…..
PRAN NO…..
फिक्सेशन टाईप…
जैसे सीधी भर्ती आदि को अपडेट करना है ।
🚹 फमिली डिटेल में इंसर्ट डिटेल में जाकर के नेम सेलेक्ट करना है, रिलेशन सेलेक्ट करना है उसकी जन्मतिथि अंकित करनी है वर्किंग और नॉन वर्किंग का चुनाव करना है।
यदि फैमिली डिटेल में सदस्य वर्किंग है उसके पैन नंबर, बैंक डिटेल आदि को अपडेट करना है। स्कीम में समूह दुर्घटना, एनपीएस, राज्यबीमा आदि के लिए जो डाटा हमने फैमिली डिटेल में भरे हैं उनमें से ही चुनाव करना है और शेयर प्रतिशत भरना है।
🚹 इमेज वाले ऑप्शन में कार्मिक का अंगूठा निशान, कार्मिक के हस्ताक्षर ,फोटो आदि डीडीओ लॉगिन से अपडेट किए जा सकते हैं।
🚹 इसके बाद में ऑथराइजेशन में जाकर एंप्लोई का अकाउंट वेरीफाई करना है।
🚹 फिर ऑथराइजेशन में जाना है वेरीफाई एम्पलाई डिटेल में जाकर के Emp details को VIEW करना है।
इसे डाउनलोड करना है और DATA सही होने पर डीएससी साईन कर एचओडी के लिए डाटा फॉरवर्ड कर देना है।
🚹 एक-दो दिन में डाटा एचओडी से अनुमोदन होने के बाद हम संबंधित का वेतन बना सकते हैं।
🚹 इस प्रकार DDO LOGIN से नवनियुक्त कार्मिक की PAY MANAGER पर फीडिंग कर वेतन आहरण की प्रक्रिया संपन्न की जाती है।
🌱धन्यवाद🌱
*प्रश्न:- कार्यालय अध्यक्ष की महत्वपूर्ण वित्तीय सावधानियां व कर्त्तव्य*
1. राशि का आवश्यकता से अधिक आहरण नही करना तथा अधिक रोकड़ शेष नहीं होने देना। (नियम 8 )
2.कार्यालय में राशि की राजस्व प्राप्ति/ स्टोर/ स्टाम्प तथा अन्य संपत्ति के गबन/ कपट से आहरण/ चुकारा से हानि होने पर रिपोर्ट करना ( नियम 20 )
3 .राज्य को देय समस्त राशियों का नियमित निर्धारण करना, वसूल करना ,लेखों में इंद्राज करना तथा कोष में जमा कराना। ( नियम 27)
4. प्राप्तियां व चुकारो की आंतरिक जांच की व्यवस्था करना। ( नियम 41)
5 . रोकड़ संबंधित नियमों की पालना ,रोकड़ बही को नियमित दैनिक बंद करना तथा माह के अंत में बकाया निकालना। (नियम 48)
6. स्थाई अग्रिम इत्यादि से स्थाई अग्रिम देने पर रोकड़ बही में नियम अनुसार इंद्राज कराना तथा इन अग्रिम का हिसाब 4 सप्ताह या अधिक जो निर्धारित हो मे लेना। बकाया राशि को कर्मचारी से वापस लेना तथा जमा न होने पर संवेतन से मय ब्याज के वसूल करना। (नियम 48, 170, 221)
7. माह के अंत में बकाया रोकड़ को गिनना तथा रोकड़ की आकस्मिक जांच करना एवं भौतिक सत्यापन का प्रमाण पत्र भी अंकित करना ( नियम 51)
8. रोकड़ की सुरक्षा की समुचित व्यवस्था करना (नियम 52,53 )
9 .प्राप्तियां को कोष से माहवार मिलान करना ( नियम 59)
10. कार्यालय अध्यक्ष द्वारा कोष से बिलों के चुकारे की राशि रोकड़ लिपिक से पहचान पत्र के आधार पर मंगाना तथा इस संबंध में नियमों की पालना करना।
(नियम 81)
11 .बिल ट्रांजिट रजिस्टर को सुचारू रूप से रखना तथा नियम अनुसार पुनः निरीक्षण करना। ( नियम 84) ( दो)
12 .बिल या चेक के खो जाने पर चेक का चुकारा रोकने हेतु तुरंत सूचना देना (नियम 88 व 110 )
13. नियम अनुसार उपवाउचर को निरस्त कराना। (नियम 123)
14 .सेवा पुस्तिका में सेवा के सत्यापन का इंद्राज कराना। (नियम 136 ,137)
14 .संवेतन बिलों से समस्त कटोतिया कराना। (नियम 157)
15 .महालेखाकार, वित्तीय सलाहकार, मुख्य लेखा अधिकारी, वरिष्ठ लेखा अधिकारी लेखा अधिकारी द्वारा अनाधिकृत चुकारों को अस्वीकार करने संबंधी समस्त आक्षेप को एवं आदेशों की पालना करना तथा वसूली करना। (नियम 171 )
17 .प्रत्येक कर्मचारी को वर्ष के अंत में कटौतियों का प्रमाण पत्र जारी करना (नियम 177)
18. कालातीत अवधि से बाहर चुकारो की स्वीकृति व प्री चेक की व्यवस्था कराना (नियम 90 ,188)
19.अवितरित वेतन में भत्ते की राशि में से अस्थाई अग्रिम नहीं देने तथा निर्धारित अवधि 3 माह से अधिक राशि को कार्यालय में नहीं रखना। (नियम 193)(4)
20. अध्याय 9 के अंतर्गत थोड़ी अवधि के लिए दिए गए अग्रिम का हिसाब रखना तथा नियमित वसूली कराना।
21.स्थाई अग्रिम से नियमानुसार चुकारा कराना ( नियम 212)
22. एसी बिल पर अग्रिम का आहरण कर डीसी बिल को नियंत्रण अधिकारी संबंधित कोषाधिकारी को समय पर भिजवाना तथा बकाया राशि कोष में जमा कराना तथा अग्रिम धनराशि हिसाब पंजिका का संधारण करना। (नियम 219 , 221)
23.राजस्व की वापसी नियम अनुसार कराना ( नियम 255)
24 .न्यायालय में छोटी-छोटी जमा जो कि पक्षकारों को चुकाई जाती है को कार्यालय में रखना व कोष के पी डी खाते में जमा कराना। (नियम 163)(3)
25.स्थानीय निधि की बकाया राशि का वार्षिक सत्यापन कराना। ( नियम 278 )
26.स्थानीय संस्थाओं को दी गई ऋणों की राशि मय ब्याज के देय तिथि पर वसूली कराना। (नियम 300 )
ऋण तथा अग्रिम के डीसी बिल महालेखाकार को निर्धारित समय में भेजना ( नियम 305)
27 .कर्मचारी जो रोकड़ इत्यादि का लेनदेन करते हैं समुचित जमानत लेना (नियम 313)
28.अनाधिकृत रूप से पेमेजर के आईडी पासवर्ड किसी को नहीं देना।
29. समय-समय पर कार्यालय के समस्त प्रभारो की जांच करना।
30.बजट कंट्रोल रजिस्टर, बिल रजिस्टर, पे पोस्टिन्ग रजिस्टर आदि अभिलेख समय पर व सही तरीके से सन्धारित हो ये सुनिश्चित करना ताकि किसी तरह की वित्तीय अनियमितता से बचा जा सके।
31.ऑनलाइन बिलो की चेक लिस्ट एक बार जाँच कर लेनी चाहिए।
32. कर्मचारी को देय वेतन भत्ते की जाँच सेवा पुस्तिका से मिलान कर लेनी चाहिए।