– बंकिम चन्द्र चटर्जी
AJADI KE AMRIT MAHOTSAV
राजस्थान सरकार द्वारा “आजादी का अमृत महोत्सव” कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के सभी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों द्वारा पूरे प्रदेश में एक समय देशभक्ति गीतों का गायन
🗓️दिनांक 12 अगस्त 2022 को
⏰प्रातः 10:15 बजे
निर्धारित क्रम के अनुसार के अनुसार गाया जाना है।
जिसमें गीतों का क्रम निम्नानुसार रहेगा-
Education Director Bikaner Order Below-
akam rastrageet 12 august order 30 July 2022_compressedवंदे मातरम्, वंदे मातरम् !
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम् मातरम्, वंदे मातरम् !
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
सुखदाम्, वरदाम्, मातरम् !
वंदे मातरम्, वंदे मातरम !
– बंकिम चन्द्र चटर्जी
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा।
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिस्ताँ हमारा ।।
गुरबत में हो अगर हम रहता है दिल वतन में
समझो वहीं हमें भी दिल हो जहाँ हमारा ।। सारे…..
परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का ।
वो संतरी वो पासबाँ हमारा ।। सारे..
हमारा
गोदी में खेलती हैं, उसकी हजारों नदियाँ
गुलशन है जिनके दम से, रश्क-ए-जिनों हमारा ।। सारे…..
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।
हिन्दी हैं हम वतन हैं, हिन्दोस्ताँ हमारा ।। सारे….
Har ghar Tiranga Order Below-
akam her gher tiranga 31 July 22_compressedआओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की ,
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम् वंदे मातरम
उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है
दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है
जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है
बाट-घाट में हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है
देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती हैं बलिदान की
वंदे मातरम वंदे मातरम
ये है अपना राजपूताना नाज इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे
ये प्रताप का चलन पता है आजादी के नारों पे
कूद पड़ी थी यहाँ हजारों पदिमनियों अंगारों पे
बोल रही है कण कण से कुर्बानी राजस्थान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम
जलियाँवाला बाग ये देखो यही चली थी गोलियां
ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियां
एक तरफ बंदूकें दन दन एक तरफ थी टोलियां
मरनेवाले बोल रहे थे इंकलाब की बोलियां
यहां लगा बहनों ने भी बाजी अपनी जान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम ,वंदे मातरम
ये देखो बंगाल यहां का हर चप्पा हरियाला है
यहां का बच्चा-बच्चा अपने देश में मरनेवाला है
ढाला है इसको बिजली ने भूचालों ने पाला है.
मुट्ठी में तूफान बंधा है और प्राण में ज्वाला है
जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम
झण्डा ऊँचा रहे हमारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
झण्डा ऊँचा रहे हमारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
सदा शक्ती बरसाने वाला
प्रेम सुधा बरसाने वाला
वीरों को हर्षाने वाला
मातृ भूमी का तन मन सारा
मातृ भूमी का तन मन सारा
झण्डा ऊँचा रहे हमारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
स्वतंत्रता के भीशण रण में
रख कर जोश बढ़े क्षण-क्षण में
काँपे शत्रु देखके मन में
मिट जाये भय संकट सारा
मिट जाये भय संकट सारा
झण्डा ऊँचा रहे हमारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
इस झँडे के नीचे निर्भय
ले स्वराज यह अभीचल निश्चय
बोलो भारत माता की जय
स्वतंत्रता है ध्येय हमारा
स्वतंत्रता है ध्येय हमारा
झण्डा ऊँचा रहे हमारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
आ.. आ.. आ..
आओ प्यारे वीरों आओ
देश धर्म पर बलि-बलि जाओ
एक साथ सब मिल कर गाओ
प्यारा भारत देश हमारा
प्यारा भारत देश हमारा
झण्डा ऊँचा रहे हमारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
इसकी शान न जाने पाये
चाहे जान भले ही जाये
विश्व विजयी कर के दिखलाएं
तब होए प्रण पूर्ण हमारा
तब होए प्रण पूर्ण हमारा
झण्डा ऊँचा रहे हमारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
सदा शक्ती बरसाने वाला
प्रेम सुधा बरसाने वाला
वीरों को हर्षाने वाला
मातृ भूमी का तन मन सारा
मातृ भूमी का तन मन सारा
झण्डा ऊँचा रहे हमारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन
हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन
होगी शान्ति चारों
होगी शान्ति चारों ओर
होगी शान्ति चारों ओर एक दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
होगी शान्ति चारों ओर एक दिन
हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन
हम चलेंगे साथ साथ
डाले हाथों में हाथ
हम चलेंगे साथ साथ एक दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम चलेंगे साथ साथ एक दिन
हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन
नहीं डर किसी का आज
नहीं भय किसी का आज
नहीं डर किसी का आज के दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
नहीं डर किसी का आज के दिन
हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन
हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन
जन-गण-मन अधिनायक जय हे,
भारत भाग्य विधाता ।
पंजाब-सिंध-गुजरात-मराठा,
द्राविड़ उत्कल बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा,
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभाशीष मांगे
गाहे तव जय गाथा ।
जन-गण-मंगलदायक जय हे,
भारत भाग्य विधाता
जय हे! जय हे! जय हे ।
जय जय जय जय हे ।।
संलग्न कर निर्देशित किया जाता है कि इसी के अनुरूप समस्त विद्यालयों में विद्यार्थियों को 12 अगस्त को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की पूर्व तैयारी लय और ताल के साथ गायन का अभ्यास करवाया जाए।