राजस्थान पंचायत चुनाव 2020 में एक और बाध्यता गहलोत सरकार खत्म करने की तैयारी में ll In preparation for ending another compulsion Gehlot government in Rajasthan Panchayat elections 2020
llstudywithrsmll update-7 December 2019
राजस्थान पंचायत चुनाव 2020 की सुगबुगाहट से बाजार गर्म है और इधर मौसम ने सर्दी की तैयारी कर दी है, इसके बीच निकाय/पंचायत चुनाव में एक और बाध्यता खत्म करने की तैयारी गहलोत सरकार ने कर ली है।
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एक के बाद एक पिछले सरकार में लागू की गई सभी बाध्यताओं को वर्तमान सरकार खत्म करने जा रही है।
पहले ग्राम पंचायत में नाम बदलाव के बाद न्युनतम शैक्षणिक योग्यता खत्म कर दी थी और अब एक और महत्वपूर्ण निर्णय सरकार लेने जा रही है।
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17 दिसम्बर को सरकार वर्षगांठ पर कुछ घोषणा करने की तैयारी है, जिसमें राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा -19 में प्रावधान था कि 1995 से पहले दो संतान और बाद में एक और अधिक होने पर चुनाव लड़ने की अयोग्यता थी, जो अब राज्य सरकार 17 दिसम्बर को खुशखबरी देने जा रही है।
और साथ ही महंगाई भत्ता (DA) की भी घोषणा की उम्मीद जताई जा रही है, जो केन्द्र सरकार अक्टूबर में पहले ही बढ़ा चूकी है।
उधर राजस्थान चुनाव आयोग पंचायत चुनाव मतदाता सूचियों का प्रारुप 4 दिसम्बर को जारी कर चूका है और 13 दिसम्बर तक आक्षेप व दावों के बाद 3 जनवरी को अंतिम प्रकाशन होगा।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि 10 दिसम्बर के बाद कभी भी आरक्षित सीटों की लाटरी जिला कलेक्टर द्वारा घोषणा करने की पुरी संभावना है।
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राज्य सरकार ने 48 नयी पंचायत समिति और 1264 नयी ग्राम पंचायतों की घोषणा पहले कर चूकी, जिससे पंचायतों की 11000 से अधिक व पंचायत समिति भी बढ़ गयी, इसे देखते हुए चुनाव चार चरणों में करवाये जाने की तैयारी है।
आचार संहिता 25 दिसम्बर के बाद लगने की संभावना और पहला चरण जनवरी अंतिम सप्ताह में शुरू होकर फरवरी तीसरे सप्ताह तक समापन होने की उम्मीद जताई जा रही है।